THE BASIC PRINCIPLES OF SHIV CHAISA

The Basic Principles Of Shiv chaisa

The Basic Principles Of Shiv chaisa

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धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने प्राचीन हनुमान मंदिर में पूजा किया

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥

Whosoever gives incense, prasad and performs arti to Lord Shiva, with enjoy and devotion, enjoys content joy and spiritual bliss Within this earth and hereafter ascends for the abode of Lord Shiva. The poet prays that Lord Shiva removed the struggling of all Shiv chaisa and grants them eternal bliss.

किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥

कानन कुण्डल नागफनी के ॥ अंग गौर शिर गंग बहाये ।

लै त्रिशूल शत्रुन more info को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥

नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥

जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥

अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥

ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥

जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥

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